भारतीय गुप्तचरों का खुलासा, ब्रह्मपुत्र नदी पर 24 डैम बना रहा है चीन
नई दिल्ली. भारतीय गुप्तचरों ने खुलासा किया है कि चीन ब्रह्मपुत्र नदी और इसकी सहायक नदियों पर 24 नई जल-विद्युत परियोजनाओं पर काम कर रहा है। चीन की सीमा में चल रहे इन कामों से ब्रह्मपुत्र के बहाव पर विपरीत असर पड़ेगा। हाल ही में कैबिनेट सचिवों की समिति की नई दिल्ली में आयोजित बैठक में इस मुद्दे पर चिंता जताई गई और तय किया गया कि चीन द्वारा तैयार की जा रही परियोजनाओं पर लगातार निगाह रखी जाए।
भारतीय राष्ट्रीय तकनीकी शोध संस्थान (एनटीआरओ) ने भी अभी तक यही माना था कि चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर करीब 6 परियोजनाओं पर ही काम कर रहा है लेकिन नए खुलासे के अनुसार चीन 24 डैम बना रहा है।
हाल ही में चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ भारत आए थे। उस दौरान भी भारत ने ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन की निर्माणाधीन परियोजनाओं का मामला उठाया। लेकिन चीन ने दावा किया कि वहां कुछ एक परियोजनाओं पर ही काम चल रहा है और इससे नदी के बहाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लेकिन अब भारतीय गुप्तचर विभाग ने गृह विभाग को सौंपी रिपोर्ट में बताया है कि वहां एक या दो नहीं बल्कि दो दर्जन हाइड्रो-पॉवर परियोजनाओं पर काम हो रहा है।
भारतीय गुप्तचरों ने हालांकि कहा कि ये प्रोजेक्ट्स जांगमू प्रोजेक्ट जितने बड़े नहीं हैं। जांगमू प्रोजेक्ट चीन की सीमा में ब्रह्मपुत्र पर बनाया जा रहा सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है।
नई दिल्ली में हाल ही में कैबिनेट सचिवों की समिति की बैठक कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में चीन की गतिविधियों पर लगातार नजर रखने पर बल दिया गया।
चीन और भारत के बीच हुई संधि के अनुसार दोनों देश बाढ़ के दौरान नदियों के जल स्तर संबंधी आंकड़ों का आदान-प्रदान करते हैं लेकिन नदियों पर किए जा रहे निर्माण कार्यों की जानकारी के लेन-देन संबंधी कोई संधि नहीं है। और इन जानकारियों के लिए भारत को पूरी तरह अपने सूत्रों पर ही निर्भर रहना पड़ता है।
हाल ही में चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ हाल ही में की गई अपनी भारत यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर बचते रहे। चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर बनने वाले प्रोजेक्ट्स की कोई जानकारी भारत को नहीं दी। चीन ने बाढ़ के दौरान आंकड़ों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया को और मजबूत बनाने पर जोर दिया लेकिन ब्रह्मपुत्र पर बनने वाले प्रोजेक्ट्स की कोई चर्चा नहीं की।
भारतीय सीमा की परियोजनाओं पर लालफीताशाही हावी
भारतीय विशेषज्ञ लंबे समय से केंद्र सरकार से कहते आ रहे हैं कि भारतीय सीमा में भी अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र पर कुछ प्रोजेक्ट्स शुरू किए जाएं लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र नदी पर बन रहे एक प्रोजेक्ट का केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय विरोध कर रहा है। इस वजह से इसका काम भी ठप्प हो गया है।
चीन आंकड़े देने के लिए लेता है फीस
सतलुज नदी का बहाव भारत से पाकिस्तान की तरफ है और भारत पाकिस्तान को बाढ़ के समय आंकड़े देने के एवज में कोई फीस नहीं लेता लेकिन चीन भारत को ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदियों से जुड़े आंकड़े देने के लिए बड़ी रकम लेता है।
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