फिर से रुलाने लगा प्याज, सरकार ने निर्यात पर लगाई 15 जनवरी तक रोक
नई दिल्ली. देश की जनता एक बार फिर प्याज के आंसू रोने पर मजबूर है। प्याज की आसमान छूती कीमतों ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार ने इसके निर्यात पर 1५ जनवरी तक रोक लगा दी है। सरकार ने यह कदम दिल्ली समेत देशभर में प्याज की कीमतें 70 से 8० रुपए प्रति किलो तक पहुंचने के बाद उठाया है। प्याज की बेकाबू होती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर विचार-विमर्श के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने मंगलवार को आपात बैठक बुलाई है।
सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगाने के साथ ही इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य 525 डॉलर से बढ़ाकर १,२०० डॉलर प्रति टन कर दिया है। इसके अलावा सहकारी एजेंसी नैफेड और 12 अन्य एजेंसियों द्वारा प्याज के निर्यात के लिए नए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने पर भी रोक लगाई गई है।
बढ़ती कीमत ने बिगाड़ा बजट
कभी प्याज और रोटी से अपनी भूख मिटाने वाले आम आदमी की पहुंच से प्याज का स्वाद दूर होने लगा है। प्याज देशभर में लगभग हर परिवार के किचन में रोजाना इस्तेमाल किया जाता है। इसकी बढ़ती कीमतों से गृहणियों के बजट पर सीधा असर पड़ता है। इससे पहले 1999 में प्याज की कीमतें इसी तरह बेकाबू हुई थीं। उस वक्त जनता का गुस्सा दिल्ली की भाजपा सरकार पर फूटा और सरकार चली गई जो अभी तक नहीं लौट सकी है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमतें 60-70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। एशिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी आजादपुर सब्जी मंडी में सोमवार से इसकी थोक कीमतें भीं 30-60 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गईं।
पिछले हफ्ते देश में प्याज की थोक कीमतें 3000 रुपये प्रति क्विंटल थीं जो इस हफ्ते बढ़कर 4500 हजार रुपये हो गई हैं।
मुंबई में पिछले हफ्ते प्याज की कीमतें 40 रुपये प्रति किलो थीं जो इस हफ्ते 60 से 70 रुपये, चेन्नई में पिछले हफ्ते 48 रुपये प्रतिकिलो जो इस हफ्ते 75 रुपये, बेंगलुरू में पिछले हफ्ते 52 रुपये जो इस हफ्ते 60 से 70 रुपये प्रतिकिलो हो गई हैं।
पाकिस्तान ने भेजे 13 ट्रक प्याज
पाकिस्तान ने 13 ट्रक प्याज भेजे हैं। ये प्याज सोमवार को अटारी वाघा सीमा होते हुए अमृतसर पहुंच गए। एक ट्रक में पांच से 15 टन प्याज भरा है। इनकी आपूर्ति से दिल्ली समेत उत्तरी भारत के बाजारों में कीमतें थम जाने की उम्मीद है।
लहसुन में भी तेजी
निर्यात का असर लहसुन के दाम पर भी पड़ रहा है। ऊपर से तेज होती सर्दी ने इसकी मांग और बढ़ा दी है। वहीं, मांग की तुलना में आपूर्ति काफी घट गई है। इन सब कारणों से दिल्ली में लहुसन का थोक भाव १३५ से १७० रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है।
दिल्ली सरकार लगाएगी स्टाल
दिल्ली सरकार लोगों को थोक बाजार के भाव पर इसकी आपूर्ति के लिए राजधानी में विशेष बिक्री केन्द्रों खोलने पर विचार कर रही है। इस सिलसिले में खाद्य एवं आपूर्ति सचिव जयश्री रघुरमण ने विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे महाराष्ट्र के व्यापारियों से संपर्क में रहने को कहा। आपको बता दें कि दिल्ली में अधिकांश प्याज वहीं से आती है। हाल के दिनों तक दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 35 से 40 रुपये प्रति किलोग्राम थी जो अब बढ़कर 60 से 70 रुपये प्रति किलोग्राम हो गयी।
क्यों बढ़ी कीमतें
बे-मौसम बारिश के कारण नाशिक की सब्जी कृषि उपज मंडियों में प्याज की आवक कम होने से प्याज के दाम आसमान पर हैं। नाशिक में पिछले माह हुई बे-मौसम बारिश के कारण प्याज की फसल का भारी नुकसान हुआ था। बेमौसम बारिश से नाशिक जिले में एक लाख हेक्टेयर पर की प्याज का नुकसान हुआ था। बेमौसम बारिश से प्याज का नुकसान होने से लासलगांव, पिंपलगांव, निफाड, सटाणा, सिन्नर इन कृषि उपज मंड़ियों में प्याज की आवक कम हुई है। प्याज की आवक कम होने से दाम दोबारा आसमान छू गए हैं।
प्याज के व्यापारियों का कहना है कि गुजरात और राजस्थान में पिछले दिनों आई बरसात से प्याज खराब हो गई है। कुछ खेतों में और कुछ बाहर प्याज काफी हद तक सड़ गई। इसका असर बाहर से प्याज की आवक पर पड़ा। यही वजह है कि प्याज की दरों में इतना इजाफा हुआ है। उनका कहना है कि पाकिस्तान से प्याज की खेप आने के बाद इसकी कीमतों 5 से 10 रुपये प्रति किलो कमी आ सकती है। हालांकि सरकार ने माना है कि जमाखोरी के चलते प्याज की कीमतें आसमान छूने लगी हैं।
कोट
'अगले पांच दिनों में प्याज की कीमतें बढ़ सकती हैं। इससे प्याज की खुदरा कीमतों पर असर पड़ेगा।'
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