Tuesday, December 14, 2010

सुधांशु महाराज उर्फ यशपाल का असली चेहरा

यशपाल नाम के एक आदमी के खिलाफ चोरी, ठगी और आयकर घोटालों के कई मामले दर्ज हैं। एक मामले में गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है लेकिन बंदा ताकतवर हैं और दिल्ली में एक विराट आश्रम चलाता है और धार्मिक चैनलों पर अक्सर प्रकट होता है और उसने अपना नाम आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज रख लिया है। सुधांशु महाराज के नाम से परिचित इस आदमी के बारे में बहुत सारी सरकारी फाइलों में बहुत सारे रहस्य छिपे हुए हैं।

बहुत सारी अदालतों में इसके खिलाफ मामले दर्ज हैं मगर भारत में धर्म को ले कर जो नौटंकिया चलती है उनका एक सबसे शानदार उदाहरण यही सुधांशु महाराज है जो नई दिल्ली में विश्व जागृति विषय के नाम से आश्रम चलाता है और दस दस साल पुराने मामले अब उसके खिलाफ निकल कर आ रहे हैं। यह ऐसा धर्म गुरु हैं जो फर्जी रसीदों से चंदा लेता हैं और जब शिकायत के बाद वारंट निकलते हैं तो उनमें एक दो नहीं, कई नाम होते हैं जिनमें उन रिचा सुधांशु का भी वर्णन होता है जिनसे यशपाल ने सुधांशु महाराज बनने के पहले 23 साल की उम्र में किसी गुरुकुल में ही शादी कर ली थी।

जब दूसरे धर्म गुरु चर्चित होने लगे और आसाराम बापू की तरह माल और गले काटने लगे तो सुधांशु जी महाराज के नाम से इस यशपाल ने विश्व जागृति मिशन एक भक्त से जमीन दान ले कर दिल्ली के एकदम बाहरी इलाके में बना दिया है। दान आता रहे इसके लिए इस सोसायटी को एनजीओ भी बना दिया गया और इसमें तमाम तरह के उद्देश्यों की पूर्ति कर दी गई ताकि दान देने वालों को सहूलियत हो और सुधांशु बाबा देश और विदेश में काली रकम को सफेद करते रहे। टीवी चैनल आज तक ने सुधांशु को ऐसे प्रस्ताव करते हुए रंगे हाथों पकड़ा था और यशपाल उर्फ सुधांशु के पास जवाब नहीं था।

सुधांशु के भक्त कहते हैं कि महाराज ने हिमालय में तपस्या की है और फिर योगी सदानंद ने उन्हें भगवान के दर्शन करवाए। इसके बाद तो सुधांशु जी खुद ही भगवान हो गए। सत्संग करना सीखा, नरेंद्र चंचल की तरह गाने भी लगे और जब बाबा रामदेव का योग मशहूर हो गया तो योग की कलाएं भी दिखाने लगे। जाहिर है कि यशपाल सुपर मार्केट में सब कुछ मिलता है। दिल्ली, मुंबई और मध्य प्रदेश में उन पर करोड़ों लुटाने वाले कम नहीं हैं लेकिन यह किसी को पता नहीं कि जिस आदमी को पुलिस और अदालतें तलाश रही हो वह आखिर उनको मोक्ष कैसे दिलवा सकता है?

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