जनगणना में घुसपैठियों की पहचान हो : RSS
नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा है कि जाति आधारित जनगणना का राजनीतिक नफा-नुकसान या वोट की राजनीति के आकलन के लिए उपयोग करने की बजाय राष्ट्रीय परिपेक्ष्य में इसका विचार होना चाहिए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्न हिन्दी साप्ताहिक पांचजन्य के ताजा संपादकीय में कहा गया है कि इस समय देश के सामने बंगलादेशी घुसपैठियों का संकट अत्यधिक चिंताजनक है। दो करोड़ से ज्यादा बंगलादेशी घुसपैठिए देश की सुरक्षा व राष्ट्रीय एकता-अखंडता के लिए गंभीर चुनौती बने हुए हैं। संघ का मानना है कि दिल्ली सहित अनेक क्षेत्नों में बंगलादेशी गिरोह कानून व्यवस्था के लिए भी संकट बन गए हंै।
संपादकीय में कहा गया है कि सरकार को इस ओर ध्यान केन्द्रित करके जनगणना के माध्यम से एक राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर तैयार करने का लक्ष्य तय करना चाहिए और प्रयासपूर्वक उस पर क्रियान्वयन होना चाहिए। संघ का मानना है कि यदि ऐसा होता है तो राष्ट्रहित में यह एक महत्वपूर्ण कार्य होगा और इस आधारपर पहचान किए गए घुसपैठियों को कड़ाई से देश से निकाल बाहर किया जाए।
संघ ने कहा है कि इसके विपरीत जाति आधारित जनगणना पर जोर देना देश की सामाजिक व सांस्कृतिक एकता पर आघात होगा। क्यों कि इससे एकात्मता और सामाजिक समरसता के जो प्रयास हो रहे है, उनको गहरा धक्का लगेगा।
स्वतंत्न भारत में हमारे संविधान निर्माताओं डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर आदि ने तो हमारे सांस्कृतिक चिंतन के आधार पर जातिविहीन समाज का लक्ष्य ही सामने रखा और इसलिए जाति आधारित जनगणना की बात करना हमारे सामाजिक ताने-बाने को तो ध्वस्त करने की कोशिश है। यह संविधान की मूल भावना के भी प्रतिकूल है।
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