Sunday, May 30, 2010

आइए जानें क्या है नक्सलवाद

1967 में सशस्त्र क्राति के माध्यम से किसानों और मजदूरों को उनका हक दिलाने के लिए पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी नामक स्थान पर एक आंदोलन की शुरूआत की गई थी। जिसे उसके स्थान के नाम पर नक्सलवाद आंदोलन कहा गया। इसके सिद्धांत मार्क्सवाद से प्रभावित थे, जबकि तरीके माओवाद से। माओ चीन के सश्सत्र क्रांति के प्रसिद्ध नेता थे जिनका ऐतिहासिक कथन था राजनीतिक सत्ता बंदूक की नली से निकलती है। इसके अलावा राजनीति रक्तहीन युद्ध है, जबकि युद्ध रक्त से भरी राजनीति।

मिथुन दा और नक्सलवादकथित तौर पर ये भी माना जाता है कि फिल्म एक्टर मिथुन चक्रवर्ति भी नक्लबाडी आंदोलन से जुड़े रहे। उनका कोडनेम राणा रेजा था, पुणे में फरारी के दिनों में ही उन्होंने एफटीटीआई पुणे की प्रवेश परीक्षा दी थी, जिसमें सफल होने के बाद आंदोलन से उनका जुड़ाव धीरे धीरे खत्म हो गया।

देशभर में पैर पसार चुका है नक्सलवाद

शुरूआत में यह आंदोलन केवल पश्चिम बंगाल में चलाया जा रहा था। लेकिन पिछले कुछ सालों में देश के बाकी भागों में भी यह फैलने लगा। खासकर पूर्वी भारत, छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश में भी माओवादियों के साथ नक्सलवादी अपने पैर पसारने लगे।

2009 के आंकड़ो के अनुसार नक्सली देश के 20 राज्यों की 220 जिलों में सक्रीय हैं। वह प्रमुख तौर पर रेड कॉरिडोर कहे जाने वाले क्षेत्रों में सक्रिय हैं। भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के मुताबिक देश में 20000 नक्सली काम कर रहे हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी नक्सलियों को देश के लिए सबसे बड़ा अंदरूनी खतरा बता चुके हैं। फरवरी 2009 में केंद्र सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, माहाराष्ट्र, झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल में जवाबी कार्रवाई के संयुक्त ऑपरेशन की घोषणा की थी।

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