नई दिल्लीप : भारत दूरसंचार क्रांति में एक नया अध्यातय लिखने की ओर बढ़ रहा है। 3G सेवा मुहैया कराने के लिए स्पेीक्ट्रबम हासिल करने करने के लिए बोली लगाने की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया जा चुका है।
क्या है 3G टेक्नोलॉजी?
3G टेक्नोलॉजी दूसरी पीढ़ी की उन्न त दूरसंचार तकनीक से आगे की टेक्नोलॉजी है। यह टेक्नोलॉजी स्मार्ट मल्टी मीडिया फोन्स के लिए तैयार की गई है। इसका सबसे बड़ा फायदा होगा तेज इंटरनेट सर्फिंग और वीडियो टेलीफोनी।
क्याय होगा फायदा?
3G टेलीफोनी शुरू हो जाने के बाद तेज रफ्तार इंटरनेट सेवा, इंटरनेट टीवी, वीडियो ऑन डिमांड, ऑडियो-वीडियो कॉल जैसी वैल्यूह ऐडेड सेवाएं और मौजूदा रफ्तार से 40 गुणा रफ्तार से डेटा ट्रांसफर हकीकत बन जाएगा। शेयर बाजार में खरीददारी, ई-लर्निंग, टेलीमेडिसीन जैसी सेवाओं में 3G तकनीक से क्रांति आ जाएगी।
क्याा है स्पेजक्ट्राम?
रेडियो स्पेजक्ट्राम का सीधा संबंध रेडियो फ्रिक्वेंेसीज से है। उच्च तम और निम्नकतम सिग्नाल के अंतर को बैंडविड्थ कहा जाता है। मान लीजिए कि किसी ऑडियो सिग्न्ल की निम्नसतम फ्रिक्वें्सी 200 हर्ट्ज और अधिकतम 3000 हर्ट्ज है, तो इसकी बैंडविड्थ 2800 हर्ट्ज (3 किलो हर्ट्ज) हुई।
3G सेवा के लिए 15-20 मेगा हर्ट्ज बैंडविड्थ चाहिए, जबकि 2G सेवा के लिए मात्र 30-200 किलो हर्ट्ज बैंडविड्थ की जरूरत होती है।
3G तकनीक वॉयस डाटा यानि फोन काल के साथ-साथ डाउनलोडिंग से जुड़ी जानकारी, ई-मेल आना-जाना और इंस्टैं ट मैसेजिंग जैसे गैर वॉयस डाटा को एक साथ ट्रांसफर कर सकती है। वीडियो टेलीफोनी 3G तकनीक की सबसे अहम खासियत है।
कब हुई 3G सेवा की शुरुआत?
3G सेवा की शुरुआत जापान में हुई। आज एशिया, यूरोप और अमेरिका के 25 से ज्यादा देशों में 60 से ज्यादा नेटवर्क्स पर यह सुविधा उपलब्धम है।
क्यार हो सकती है मुश्किल?
स्पेरक्ट्रिम लाइसेंसिंग की भारी फीस।
बुनियादी ढांचा खड़ा करने में भारी निवेश।
इलेक्ट्रो मैग्ने टिक तरंगों का स्वा।स्य्रो पर बुरा असर। 3G मोबाइल सेवा काफी महंगी है। ऐसे में 2G सेवा का इस्तेामाल कर रहे उपभोक्ता ओं को 3G सेवा की ओर खींचना आसान नहीं होगा।
3G मोबाइल सेवा नई होगी तो इसके ग्राहक बनाने में काफी वक्ती लग जाएगा। यूरोपीय बाजार के अनुभव के आधार पर यह बात साबित भी हो गई है।
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