अमृतसर. सरहद पार बैठे आतंकी भारत में आतंक व खौफ फैलाने के लिए हर रोज कोई न कोई खुराफात करते रहते हैं। पाक खुफिया एजेंसी आईएसआईके पोषित आतंकियों ने अबकी बार मोबाइल फोन को निशाना बनाना शुरू किया है। वे भारतीय खास करके पंजाब के मोबाइल यूजर्स से उनके मोबाइल फोन का आईएमईआई नंबर मांग रहे हैं।
उनकी चिकनी-चुपड़ी बातों में आकर लोग नंबर तो दे देते हैं, मगर इसके पीछे साजिश को समझ नहीं रहे। खुफिया एजेंसियों की मानें तो इससे बड़ी आसानी से आतंक वारदात के बाद उन्हें फंसाया जा सकता है। इसकी के तहत सरहद पार से अमृतसर के कुछ लोगों को संदिग्ध कॉल्स आई हैं। रानी का बाग निवासी डा. रणबीर और सुल्तानविंड निवासी केवल सिंह को दो माह में दो बार पाकिस्तान के मोबाइल नंबर +923454187150 और +923446906336 से कॉल आईं।
काल करने वाले ने कहा कि आपका दस लाख रुपए का इनाम निकला है। इसके लिए आपको अपने मोबाइल से *प्तक्६प्त डायल करना होगा और जो नंबर आपके मोबाइल स्क्रीन पर आएंगे उन्हें हमें बताना होगा। डा. रणबीर के मुताबिक उन्होंने नंबर डायल किया तो स्क्रीन पर उनके मोबाइल का आईएमईआई नंबर आ गया। इस पर वह सतर्क हो गए और कॉल करने वाले को उक्त नंबर नहीं बताया। महानगर में ऐसे कई लोगों को सरहद पार से फोन आ चुके हैं।
साफ्टवेयर के जरिये हो सकता हैं खेल
मामले में मोबाइल फोन एक्सपर्ट्स से जानकारी ली गई कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए। उनका कहना था कि आईएमईआई नंबर अगर दुश्मनों के हाथ लग जाए तो वह इसका इस्तेमाल घुसपैठियों और आतंकियों की मदद के लिए कर सकते हैं। क्योंकि इस नंबर का पता लगने पर उस नंबर को सॉफ्टवेयर के जरिए एक से १क्क् मोबाइल तक में डाला जा सकता है। इन मोबाइलों के माध्यम से कोई भी जानकारी ली या दी जाए तो उसका जिम्मेदारी असली मोबाइल धारक का नाम आएगा। क्योंकि इस नंबर का कहां और कौन इस्तेमाल कर रहा है इसकी जानकारी निकाल पाना असंभव है। साइबर क्राइम एक्सपर्ट इंस्पैक्टर दविंदर सिंह का कहना है कि टैक्नोलॉजी आतंकियों, घुसपैठियों, जासूसों तथा अन्य देशद्रोही ताकतों के लिए वरदान साबित हो सकती है।
सतर्क रहें: पुलिस कमिश्नर
मामला गंभीर है और देश की सुरक्षा से जुड़ा है। इसको पहल के आधार पर लिया जाएगा। लोगों से अपील है कि वह इस तरह के फोन से सतर्क रहें और पुलिस को तत्काल सूचित करें।
वरिंदर कुमार पुलिस कमिश्नर, अमृतसर
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