बाढ़ में 350 करोड़ रुपए से ज्यादा डूबे
चंडीगढ़ बाढ़ के पानी ने पंजाब के 763 गांवों की अढ़ाई लाख एकड़ भूमि बर्बाद कर दी है। इन गांवों की तीन लाख एकड़ से ज्यादा फसल खराब हो चुकी है। उधर, घग्गर में मकरोड़ और चंदू के पास दो जगह और दरार आई है। जबकि नरवाना कनाल में भी एक जगह दरार आई बताई जाती है।
उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने राज्यसभा सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़ के साथ रविवार को सरदूलगढ़ क्षेत्र का दौरा किया और लोगों को विश्वास दिलाया कि सरकार उनकी हरसंभव मदद करेगी। सुखबीर ने रोपड़, पटियाला, संगरूर, मोहाली, लुधियाना और फतेहगढ़ साहिब के डीसी के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी अब कम होना शुरू हो गया है और अभी तक प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक किसानों का 480 करोड़ का नुकसान हो चुका है।
कृषि विभाग के निदेशक बलविंदर सिंह सिद्धू से बात करने के बाद सुखबीर ने उन्हें निर्देश दिए कि किसानों को धान की अल्प अवधि वाली वैरायटी के बारे में बताया जाए जो 110 दिनों में तैयार हो जाए। सुखबीर ने उन किसानों से अपील की है जिनके पास रोपाई के लिए धान की अतिरिक्त पनीरी है, वह बाढ़ प्रभावित किसानों को दे दें।
बादल ने कहा कि बाढ़ के पानी के कारण जो जमीन प्रभावित हुई है उस पर जल्द से जल्द दोबारा रोपाई संभव भी नहीं है, फिर भी सरकार किसानों की मदद करेगी। किसानों से कहा गया है कि वह धान की बजाए मूंग,मक्की और तोरिया जैसी फसलों को लगा लें ताकि उनका नुकसान न हो, इन फसलों के बीज जल्द से जल्द किसानों को मुहैया करने के लिए सुखबीर ने खेतीबाड़ी विभाग से कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह भी ध्यान मंे रखा जाए कि किसानों को बीज वाजिब रेट पर मिलें। जो भी स्टॉकिस्ट अधिक रेट पर बीज बेचता है उस की दुकान पर छापेमारी की जाए।
केंद्र से मुआवजे की मांग: सुखबीर ने किसानों के लिए केंद्र से आसान दरों पर कर्ज मुहैया करवाने को कहा है ताकि किसान नए सिरे से धान की रोपाई कर सकें और खाद्यान्न भंडार में योगदान दे सकें। सुखबीर ने कहा जिन किसानों की 70 फीसदी फसल का नुकसान हुआ है उन्हें 5 हजार,50 से 70 फीसदी फसल का नुकसान होने वालों को तीन हजार रुपए और जिनका 50 फीसदी से कम नुकसान हुआ है उन्हें दो हजार रुपए प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाएगा।
यह केंद्र के नियमों से कहीं अधिक है। पटियाला सबसे ज्यादा प्रभावित : पटियाला जिले के गांव बाढ़ की चपेट में सबसे ज्यादा आए हैं। यहां के 234, लुधियाना के 200,फतेहगढ़ साहिब के 190, रोपड़ के 58,मोहाली के 55 और संगरूर जिले के 26 गांव प्रभावित हुए हैं। घघ्गर और टांगरी में 32 स्थानों पर आए दरारों ने 1966 किमी सड़कों को भी नुकसान पहुंचाया है। पिछले 24 घंटों मंे गुरदासपुर के भीमपुर मंे 40 मिमी और 27 मिमी माधोपुर में बरसात हुई इसके अलावा रोपड़ में 20 मिमी,28 मिमी आदमपुर और दस मिमी सिसवां में भी बरसात नोट की गई।
यहां नहीं मिली राहत सामग्री
घग्गर व टांगरी नदी के कुप्रभाव झेल रहे जिले के दो दर्जन गांव अभी भी गंभीर स्थिति से गुजर रहे हैं। इन गांवों में न तो खाने—पीने का सामान पहुंच पाया है और न ही पशुओं के चारे की व्यवस्था हो पाई है।
यदि दो—तीन दिनों में इन गांवों में राहत कार्य शुरू न किए गए तो लोगों के साथ—साथ जानवरों की जिंदगी भी खतरे में पड़ सकती है। जिले में सबसे गंभीर स्थिति पंजाब हरियाणा सीमा के निकटवर्ती गांव औजा, मेहताबगढ़, बिंजल, एरुकलां व एरुखुर्द, ढगडोली, रताखेड़ा व मोलगढ़ गांव में बनी हुई है। इन गांवों से लिंक पूरी तरह से टूट चुका है। रविवार को इन गांवों में डीसी ने दौरा करके स्थिति को जाना।
डीसी ने बनाई राहत टीम: बाढ़ की मार झेल रहे इन गांवों में सुविधाएं मुहैया करवाने के उद्देश्य से डिप्टी कमिश्नर ने छह सदस्यीय राहत टीम गठित की है। इनमें फूड एंड सप्लाइज अधिकारी, पशुपालन व सेहत कार्यालय के डॉक्टर, गांव का सरपंच, रेवेन्यू अधिकारी तथा पीडब्ल्यूडी अधिकारी शामिल हैं। इस टीम का प्रतिनिधित्व हल्के का एडीएम व तहसीलदार करेगा। यह टीम बाढ़ से प्रभावित गांवों का दौरा कर वहां सुविधाएं मुहैया करवाएगी। हालांकि सड़क टूटने के कारण इन गांवों में राशन नहीं पहुंच पा रहा है।
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