चंडीगढ़ पंजाब के 30 विभागों ने 12 हजार नए कर्मचारी मांगे हैं। विभागों में चल रही रिटायरमेंट और वीआरएस लेने के चलते कर्मचारियों की संख्या लगभग सभी विभागों में आधी रह गई है।
रिटायरमेंट एज 58 से 60 करने का फैसला टालने के बाद राज्य सरकार ने विभागों से पूछा था कि उन्हें न्यूनतम कितने कर्मचारियों की आवश्यकता है। तीस विभागों ने अपनी सूचियां राज्य सरकार को सौंप दी हैं जबकि सात विभाग अभी रहते हैं। इन कर्मचारियों को एक सप्ताह का समय दिया गया है।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों के प्रबंधकीय सचिवों,प्रमुख सचिवों और वित्तायुक्तों की मीटिंग करते हुए नई भर्ती संबंधी समीक्षा की। वित्त विभाग से इस नई भर्ती संबंधी होने वाले भार का आकलन करने को कहा गया है। हालांकि इससे पहले यह विचार था कि रिटायरमेंट एज को दो साल बढ़ाकर कर्मचारियों की होने वाली कमी को पूरा कर लिया जाए लेकिन वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल इस विचार से सहमत नहीं थे।
उनका मानना है कि नए कर्मचारी कम्प्यूटर की महारत हासिल करने वाले होंगे जिससे नई तकनीक को अपनाया जा सकेगा। इसलिए उन्होंने नई भर्ती करने पर सहमति दी।
सचिवालय का इस समय काफी बुरा हाल है। विभागों मंे आधे कर्मचारी भी नहीं रहे हैं। हालांकि नए विभाग,अथॉरिटीज और आयोग बनने के कारण विभागों का काम काफी बढ़ गया है। इससे विभागों की कार्यशैली प्रभावित हो रही है।
बर्खास्त होंगे सजायाफ्ता कर्मचारी
भ्रष्टाचार और क्रिमिनल केसों में सजा पाने के बावजूद विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक गई है।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों के प्रबंधकीय सचिवों को ऐसे कर्मचारियों की सूचियां तुरंत भेजने को कहा। दरअसल मुख्य सचिव ने हाईकोर्ट ने ऐसे सभी कर्मचारियों को बर्खास्त करने संबंधी शपथ पत्र दायर करना है।
एक जनहित याचिका में हाईकोर्ट ने पूछा है कि ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिन्हें विभिन्न अदालतों ने सजा दे दी है इसके बावजूद वह विभागों मंे नौकरी कर रहे हैं।
मुख्य सचिव एससी अग्रवाल ने कहा, पिछले साल ऐसे 650 कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुका है लेकिन अभी भी कुछ विभागों में बाकी हैं जिनकी सूचियां तैयार की जा रही हैं। जिन कर्मचारियों की सजा पर उच्च अदालत ने स्टे नहीं दी हुई है उन्हें निकाला जाना यकीनी है।
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