मनुष्य का लगभग आधा जीवन सोने में व्यतीत होता है। हर मनुष्य का सोने का तरीका एक-दूसरे से भिन्न होता है। आपके सोने का तरीका आपके क्रियाकलापों, मन की बातों, आदतों एवं आपके विषय में बहुत कुछ सच-सच बता सकता है। सामुद्रिक शास्त्र व शरीर लक्षण विज्ञान के अंतर्गत इस संबंध में विस्तृत जानकारी मिलती है।
पांवों को कसकर सोना- अगर आप सोते समय पांवों को जकड़ लेते हैं और सारे शरीर को ढककर सोने की आदत है तब निश्चय ही आपका जीवन संघर्षपूर्ण रहेगा।
शरीर सिकोड़कर सोना- नि:संदेह आप डरपोक हैं। असुरक्षा की भावना आपके मन में घर कर गई है। आपको सदैव एक अंजाना सा भय अनुभव होता है आप यह बात किसी को बताते नहीं हैं।
चित्त सोना- अगर आपको केवल सीधे लेटकर नींद आती है तो यह शुभ लक्षण हैं। आप केवल आत्मविश्वासी ही नहीं आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी भी हैं। आप समस्याओं का समाधान तुरंत कर देते हैं।
पेट के बल सोना- आपमें अंजान भय की भावना है। आप किसी भी प्रकार का खतरा उठाने के लिए तैयार नहीं होते। आप अपनी गलती को अच्छी तरह जानते हैं पर बतलाते हुए डरते हैं।
टांग पर टांग रखकर सोना- आप संतुष्ट, सहनशील व तृप्त हैं। दूसरे प्रसन्न रहें, आप भी सुखी रहें। सदैव यह इच्छा आपके मन में होती है। निश्चय ही आपका जीवन सुखी है।
करवट लेकर सोना- आप अत्यंत समझौतावादी हैं। साफ-सुथरे रहना, अच्छा भोजन करना आपको प्रिय है। खोज करना आपका शौक है। आपका जीवन आदर्श है। यह आपकी उन्नति का सूचक है।
सोने से पहले टांग हिलाना- सोते समय टांग हिलाना अच्छे लक्षण नहीं। इसका अर्थ है आप चिंतित हैं। आप स्वयं से ज्यादा परिजनों के बारे में सोचते हैं।
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