Monday, July 12, 2010

शिवराज को हटाने अनूप समर्थक हो रहे लामबंद

भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान क्या भ्रष्टाचार के मुद्दे से बच पाएंगे वे अपने मंत्रिमंडल में दागियों से निपट पाएंगे, क्या मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा? ये ऐसे प्रश्न है जो कि राजनीतिक गलियारों में गूंज रहे हैं।

भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अनंत कुमार ने ‘भ्रष्टाचार’ पर केन्द्रित अपना उद्बोधन दिया था। उनका कहना था कि भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही होना चाहिए। कार्यसमिति बैठक के तत्काल बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वास्थ्य मंत्री अनूप मिश्रा से इस्तीफा लेकर उसे स्वीकृत भी कर दिया।

शिवराज सिंह चौहान द्वारा ताबड़तोड़ की गई कार्यवाही से अपने मंत्रियों अथवा पार्टी में क्या संदेश गया, यह विचारणीय है। अनूप मिश्रा किसी भ्रष्टाचार के आरोप के कारण मंत्री पद से बाहर नहीं हुए, यदि ऐसा होता तो सबसे पहले उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का इस्तीफा लिया जाता। अनूप मिश्रा का इस्तीफा बेलगांव में हुई घटना को लेकर लिया गया। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हुई थी।

बताते हैं कि अनूप मिश्रा के परिवार जनों पर हमला कर एक युवक की हत्या करने का आरोप लगा था। अनूप मिश्रा के इस्तीफे के बाद उनके समर्थक लामबंद हुए। ग्वालियर में पुलिस प्रशासन को ज्ञापन देने से लेकर पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा तक को सफाई दी गई। सूत्रों के अनुसार अनूप मिश्रा समर्थक पूर्व विधायक रामदयाल प्रभाकर ने विरोध स्वरूप पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

उन्होंने अपने एक बयान में कहा है कि शिवराज सिंह चौहान ने दागियों को मंत्रिपद से हटाने के बजाए ऐसे मंत्री को पद से हटाया है जिस पर कोई आरोप नहीं थे। सूत्रों के अनुसार रामदयाल प्रभाकर के नेतृत्व में पार्टी के अनेक वर्तमान और पूर्व विधायक लामबंद हो रहे है।

इतना ही नहीं शिवराज मंत्रिमंडल के दो दर्जन सदस्य भी अनूप मिश्रा के साथ न्याय के लिए एकजुट हो रहे है। जानकारी के अनुसार रामदयाल प्रभाकर पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के समक्ष अपना पक्ष रख चुके हैं।

बताते है कि इन नेताओं ने पार्टी हायकमान से साफ शब्दों में कहा है कि शिवराज सिंह चौहान पर भी भ्रष्टाचार के आरोप है, पहले उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाया जाए। चर्चा तो यह भी है कि राज्य के लगभग 80 विधायकों (इसमें मंत्री भी शामिल है) ने शिवराज हटाओ मुहिम चलाने रणनीति बना ली है।

‘दागियों के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं है। हालांकि दागियों पर दबाव बनाने उन्होंने अनूप मिश्रा को निशाना बनाया। उनका इस्तीफा भी हो गया। अब अनूप मिश्रा समर्थक शिवराज को हटाने लामबंद हो रहे है।

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