Friday, January 7, 2011

दूरसंचार मंत्रालय को दूरसंचार घोटाले की जानकारी नहीं!
 

नई दिल्ली।
दूरसंचार मंत्रालय जो घोटाले का 2010 का प्रमुख अड्डा बना रहा कहता है कि उसे घोटाले की कोई जानकारी नहीं है। जी हां यह लिखित जवाब दिया है दूरसंचार मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने। जिस दूरसंचार घोटाले ने बड़े-बड़ों को नंगा कर दिया, जिसकी वजह से ए .राजा की कुर्सी चली गयी उसी विभाग और मंत्रालय के अधिकारी ने कहा है कि उसके पास घोटाले से जुड़ी जानकारी उपलब्ध नहीं है। इससे बड़ा आश्चर्य और क्या हो सकता है? दूर संचार के एक वरिष्ठ अधिकारी ए. के मित्तल, उप महानिदेशक (ए.एस) ने 'थर्ड आई वर्ल्ड न्यूज़' को दिए लिखित जवाब में कहा है कि दूरसंचार स्पेक्ट्रम घोटाले, घोटाले की कुल राशि आदि के बारे में मांगी गयी सूचना का जवाब देने के लिए उसके पास कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
 
 जिस दूरसंचार घोटाले को लेकर संसद की पूरी शीतकालीन सत्र हंगामे की भेट चढ़ गयी और करोड़ों रूपयों का नुकसान हुआ। जिस घोटाले को लेकर पूरा विपक्ष एक जुट हो गया, जिस घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खुद संसद की लोक लेखा समिति के सामने पेश होने की बात कह डाली उस घोटाले पर दूरसंचार मंत्रालय का एक वरिष्ठ अधिकारी कहता है कि उसके पास घोटाले से संबंधित जानकारी देने के लिए कोई जवाब नहीं है इससे बड़ा बेहूदापन जवाब और क्या हो सकता है। हमने यह जानकारी आरटीआई कानून के तहत मांगी थी। जिसपर मंत्रालय का इस तरह का जवाब मिला है।
 
दूरसंचार मंत्रालय जो सन् 2010 का घोटाले का मुख्यकेंद्र बिंदु था के जिम्मेदार सूचना अधिकारियों का यह जवाब कई सवाल खड़े कर देते हैं। पौने दो लाख करोड़ के इस घोटाले की जानकारी मंत्रालय के उन सूचना अधिकारियों के पास क्यों नहीं है जिनकी नियुक्त ही सूचना देने के लिए हुई है और वह जिसके लिए कानून रूप से अधिकृत हैं। क्यो संबंधित मंत्रालय ने संबंधित अधिकारियों को इस तरह की मांगी गयी जानकारी देने से रोक रखा है? हमें ए.के. मित्तल साहब ने जवाब तो नहीं दिया लेकिन सलाह जरूर दे डाली कि आप यह जानकारी वित्त मंत्रालय और सीबीआई से प्राप्त करें जो जांच कर रही है।
 
देश के इतने बड़े घोटाले की जानकारी प्राप्त करने के लिए आरटीआई का सहारा लेना पड़ा लेकिन उसका भी समुचित जवाब नहीं दिया गया। जबकि घोटाले से संबंधित जो भी जानकारियां मांगी गयी थी वह बहुत सामान्य थीं। जिसके कुछ अंश दिए जा रहे हैं।
सवाल कुछ इस तरह थे- टेलीकॉम घोटाले (स्पेक्ट्रम) घोटाले में किन लोगों को हाथ है, कुल कितने करोड़ का घोटाला हुआ है। घोटाले की जांच कौन-कौन सी एजेंसियां कर रही हैं। घोटाले की जांच कब शुरू की गयी। नीरा राडिया का नाम किस प्रकार से घोटाले में शामिल हुआ, राडिया के अलावा और किन लोगों के नाम इस घोटाले से जुड़े हुए हैं। क्या इस घोटाले में किसी रूप में किसी मीडिया घराने का नाम भी शामिल है? या कोई मीडिया कर्मी किसी न किसी रूप में इस घोटाले में शामिल हुआ है। ये पूछे गये सवालों के कुछ अंश हैं। जिनके जवाब में कहा गया कि आप ये सवाल वित्त मंत्रालय और सीबीआई से पूछे। यह तो वही बात हुई कि घर में चोरी हुई बात पड़ोसी से पूछने को कह दी जाए।
 

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