Tuesday, November 16, 2010

'बिग बॉस' में साड़ी में दिखेंगी पामेला एंडरसन


मुंबई. इंटरनेशनल स्टार पामेला एंडरसन 17 नवंबर को बिग बॉस के घर में एंट्री करेंगी|वह वाइल्ड कार्ड के जरिये इस घर में एंट्री करने जा रही हैं और खबर है कि उन्हें शो में शिरकत करने के ढाई करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं। अभी तक वीना मालिक अपनी अदाओं से सबको घर में और बाहर फैंस को अपना दीवाना बनाए हुए थीं। ऐसे में देखना यह है कि पामेला जैसी सेक्सी ऐक्ट्रेस के जाने के बाद क्या कोई वीना को पूछेगा। वहीं शो में हॉट पामेला के आने के बाद घर के मेल प्रतिभागी कैसे रिएक्ट करते हैं यह भी देखना काफी दिलचस्प होगा। पामेला बिकनी गर्ल की तरह नहीं बल्कि सफेद साड़ी पहनकर, देसी अंदाज में शो में दिखाई देंगीं।

फैशन डिजाइनर एशले को पामेला के लिए साड़ी तैयार करने को कहा है। एशले ने साड़ी बनाना भी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि मुझसे कुछ समय पहले संपर्क किया गया था। मुझसे कहा गया कि उन्हें काफी जल्दी में पामेला के लिए साड़ी चाहिए। सोमवार शाम को उन्होंने मुझे पूरा नाप भेज दिया है और अब मैं इसे तैयार कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि यह प्लेन सफेद शिफॉन की साड़ी होगी, जिसमें बॉर्डर पर कांच का काम किया होगा। हां ब्लाउज जरूर बैकलैस होगा। वे बड़े बड़े झुमके और चूड़ियां भी पहनेंगीं।

हाल ही में एक अख़बार को दिए इंटरव्यू में सलमान खान से जब पामेला की बिग बॉस में एंट्री पर सवाल किया तो उन्होंने बहुत ही ठंडा जवाब दिया और कहा कि हो सकता है वह शो में सफ़ेद साड़ी पहनकर एंट्री मारें लेकिन उन्होंने इस बात पर जरूर गौर करने को कहा कि क्या पामेला हिंदी कैसे बोलेंगी, उन्हें तो हिंदी बोलनी नहीं आती और घर में सबके लिए हिंदी बोलना अनिवार्य है। ऐसे में क्या पामेला के लिए घर का यह रूल तोड़ दिया जाएगा।

43 साल की एंडरसन ने एक बयान जारी कर कहा है, ‘नमस्‍ते इंडिया, मैं भारत आने और बिग बॉस के घर के सदस्‍यों से मिलने को लेकर बेहद उत्‍सुक हूं। यह मेरी पहली भारत यात्रा है और मैं यहां रहने के दौरान भारतीय संस्कृति के रंग में रच बस जाऊंगी।’

ऐसी खबर है कि पामेला बिग बॉस के घर में महज तीन दिनों की ही मेहमान हैं। हालांकि लंबे समय तक उनके यहां टिकने से भी इंकार नहीं किया गया है। इस शो के आयोजक इसकी टीआरपी बढ़ाने के लिए एक से बढ़कर एक विवादित और मशहूर हस्तियों को शो में शामिल कर रहे हैं। हालांकि बिग बॉस-4 में अभी तक सबसे बड़ा विवाद इस शो में पाकिस्‍तानों कलाकारों को एंट्री के विरोध में शिव सेना का प्रदर्शन ही रहा।

हालांकि राहुल भट्ट ने बिग बॉस के घर से बाहर आने के बाद सनसनीखेज आरोप लगाया था कि बिग बॉस के घर में सब कुछ पहले से ही फिक्‍स होता है। सारा और अली की ‘शादी’ भी इस शो की टीआरपी बढ़ाने में काफी मददगार रही। शो के निर्माताओं ने इस जोड़े को 25 लाख रुपये भी दिए।

बिग बॉस-2 में टीवी कलाकार जेड गुडी और जर्मन मॉडल क्‍लाउडिया सिएस्‍ला जैसी विदेशी मेहमान भी आ चुकी हैं। इंटरनेशनल शो ब्रिग ब्रदर की तर्ज पर बनाए गए शो को और लोकप्रिय बनाने के लिए अब सेक्‍सी अदाकारा पामेला का सहारा लिया जा रहा है। ‘होम इम्‍प्रूवमेंट’, ‘वीआईवी’ जैसे टीवी सीरियल में काम कर चुकीं पामेला जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्‍था से भी जुड़ी हैं। बे वॉच की अदाकारा पामेला बिग बॉस में एंट्री करने वाली पहली अमेरिकी नागरिक हैं।
मंत्रीजी के लिए रियलिटी शोज बने सिरदर्द



नई दिल्ली. अश्लीलता और गालियों से भरे रियलिटी शोज़ अंबिका सोनी के लिए सिरदर्द साबित हो रहे हैं। कई सांसदों के बाद अब पंजाब के संस्कृति मंत्री ने भी इस बारे में अंबिका सोनी को पत्र लिखा है, लेकिन सोनी अभी इस बारे में विचार-विमर्श में ही व्यस्त हैं।

अंबिका सोनी के सूचना और प्रसारण मंत्रालय पर लगातार इस बात के लिए दबाव है कि रियलिटी शो पर सेंसर लगाम लगाए। राखी का इंसाफ में गए एक व्यक्ति की बाद में मौत ने बहस बढ़ा दी है, लेकिन सोनी हैं कि राय और सलाह ही ले रही हैं कि क्या किया जा सकता है। जिन लोगों ने इस बारे में कदम उठाने की मांग की है उनमें कांग्रेस के नेता भी शामिल हैं।

अब तो राज्यों से भी ऐसी मांग उठ रही है। पंजाब के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री हीरासिंह गबारिया ने तो पत्र लिखकर राखी का इंसाफ जैसे कार्यक्रम रोकने के संबंध में सरकार की नीति जानना चाही है। अंबिका इस बारे में कुछ भी कहने से बच रही हैं, क्योंकि रियलिटी के कई शो इस श्रेणी में आते हैं।

कोई एक मानक न होने से टीवी कार्यक्रमों को किसी दायरे में बांध पाना मुश्किल भी है और रोक से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल भी उठना तय है। ऐसे में सोनी के पास यही रास्ता है कि वे सभी से सलाह लें और उसके बाद ही कोई कदम उठाएं। जब तक यह हो नहीं जाता तब तक गबारिया जैसों की चिट्ठी का जवाब मिल पाना संभव नहीं है।
मंत्रीजी के लिए रियलिटी शोज बने सिरदर्द



नई दिल्ली. अश्लीलता और गालियों से भरे रियलिटी शोज़ अंबिका सोनी के लिए सिरदर्द साबित हो रहे हैं। कई सांसदों के बाद अब पंजाब के संस्कृति मंत्री ने भी इस बारे में अंबिका सोनी को पत्र लिखा है, लेकिन सोनी अभी इस बारे में विचार-विमर्श में ही व्यस्त हैं।

अंबिका सोनी के सूचना और प्रसारण मंत्रालय पर लगातार इस बात के लिए दबाव है कि रियलिटी शो पर सेंसर लगाम लगाए। राखी का इंसाफ में गए एक व्यक्ति की बाद में मौत ने बहस बढ़ा दी है, लेकिन सोनी हैं कि राय और सलाह ही ले रही हैं कि क्या किया जा सकता है। जिन लोगों ने इस बारे में कदम उठाने की मांग की है उनमें कांग्रेस के नेता भी शामिल हैं।

अब तो राज्यों से भी ऐसी मांग उठ रही है। पंजाब के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री हीरासिंह गबारिया ने तो पत्र लिखकर राखी का इंसाफ जैसे कार्यक्रम रोकने के संबंध में सरकार की नीति जानना चाही है। अंबिका इस बारे में कुछ भी कहने से बच रही हैं, क्योंकि रियलिटी के कई शो इस श्रेणी में आते हैं।

कोई एक मानक न होने से टीवी कार्यक्रमों को किसी दायरे में बांध पाना मुश्किल भी है और रोक से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल भी उठना तय है। ऐसे में सोनी के पास यही रास्ता है कि वे सभी से सलाह लें और उसके बाद ही कोई कदम उठाएं। जब तक यह हो नहीं जाता तब तक गबारिया जैसों की चिट्ठी का जवाब मिल पाना संभव नहीं है।

शिअद का दौर खत्म : मनप्रीत बादल

खन्ना . अकाली दल से मेरा किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा। शिअद का दौर अब समाप्त हो चुका है। यह जानकारी सोमवार को पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने दी। शिअद छोड़कर मनप्रीत के साथ आने वाले फतेहगढ़ साहिब के जिला यूथ प्रधान गुरप्रीत सिंह भट्टी ने अपने समर्थकों के साथ उनका स्वागत किया।

उन्होंने कहा कि एक समय था जब पंजाब देश का सरताज था। अब उस सरताज की चमक खत्म होती जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण राज्य में गंदी राजनीति है। अगर पंजाब को बचाना है तो प्रत्येक वर्ग को जगाना होगा। बुजुर्गो, नौजवानों को एकजुट होना होगा, तब जाकर राज्य में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि जिसके पास ज्यादा एमएलए हों या ज्यादा भीड़ हो वहां सच्चाई होती है।

सच्चई कम लोगों में हो सकती है। सच्चई एक के पास भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि आज खन्ना में जो लोग भट्टी के कहने पर आए हैं, वह उनके ऋणी हैं । मनप्रीत बादल ने कहा कि अभी वह 6 महीने के करीब पूरे पंजाब केलोगों से मिलेंगे। घर-घर जाकर लोगों को जागृत करेंगे।

मनप्रीत ने कहा कि उन्होंने अपने 4 साल के वित्त मंत्रित्व काल में कभी भी सरकारी मशीनरी का प्रयोग नहीं किया। उन्होंने सरकार का एक लीटर भी पेट्रोल नहीं प्रयोग किया। वह पंजाब के किसी भी मामले को लेकर कहीं भी गए हैं तो अपने खर्चे पर। उन्होंने कहा कि उनके साथ जो भी जुड़ेगा वह यह सौगंध खाएगा कि वह लाल बत्ती की गाड़ी के अलावा सरकारी सुरक्षा गार्ड नहीं लेगा। वह सरकारी खर्च पर कही नहीं जाएगा।

पार्टी बनाने के सवाल पर मनप्रीत ने कहा कि पार्टी जनता बनाएगी वह नहीं। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग जो चाहेंगे वही होगा। फिलहाल उन्हें पंजाब के बच्चे-बच्चे की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें मनप्रीत बादल प्राइवेट लिमिटिड नहीं बनानी, पंजाब बचाना है।

इस मौके पर भट्टी ने कहा कि वह पिछले 18 वर्षो से अकाली दल के साथ जुड़े रहे। हमेशा मेहनत से पार्टी के लिए कार्य किया। लेकिन पार्टी मेहनती कार्यकर्ताओं के बारे में नहीं सोचती। पार्टी अपने किए हुए वायदों पर खरा नहीं उतर रही। लोगों को धोखा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब वासियों को धर्म के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। भट्टी ने कहा कि जब मनप्रीत बादल ने अकाली दल बादल को छोड़ा तब ही उन्होंने यह फैसला कर लिया था कि एक मेहनती और सच्चे इंसान का साथ देंगे।

इस मौके पर आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान हरनेक सिंह बैनीपाल के भाई बिट्टू बैनीपाल, पार्षद महिन्द्रपाल जस्सल, विजय शर्मा, रवि ढीडसा, कांग्रेसी तरसेम लाल बाहिया, हरचंद सिंह मलकपुर, बहादुर सिंह रतनहेड़ी, सर्वदीप सिंह मक्खन, कुलदीप सिंह भंगू, स्वर्ण सिंह संधू, चरणजीत सिंह, पुष्पिंदर सिंह वैद्य के अलावा अन्य मौजूद थे।

दिल्ली: कई बार जेल जा चुका है बिल्‍डर, जिसकी इमारत ढहने से 66 मरे और 80 घायल

दिल्ली. अवैध निर्माण का गढ़ बन चुकी राजधानी दिल्‍ली के लक्ष्‍मीनगर इलाके में पांच मंजिला इमारत ढहने से मरने वालों की संख्‍या 66 पहुंच गई है। 80 लोग जख्‍मी हैं। कई लोगों को अब भी मलबे से निकाला नहीं जा सका है। सरकार ने सारा दोष एमसीडी और बिल्‍डर पर मढ़ कर पल्‍ला झाड़ने की कोशिश की है।

घटना के करीब 12 घंटे बाद, मंगलवार सुबह दिल्‍ली की मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित घटनास्‍थल पर पहुंचीं। वहां उन्‍होंने लोगों से हमदर्दी दिखाने की कोशिश की, पर लोग भड़क गए और बचाव के नाकाफी इंतजाम पर गुस्‍सा उतारा।

पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मीनगर इलाके में सोमवार रात करीब 8 बजे एक पांच मंजिला रिहाइशी इमारत पूरी तरह ढह गई। इसमें कोई 400 लोग रहते थे। इनमें से ज्‍यादातर मजदूर थे।

बताया गया है कि पिछले दिनों यमुना में आई बाढ़ के पानी से इमारत की नींव कमजोर हो गई थी, जिसे हादसे की वजह माना जा रहा है। मामले की मजिस्‍ट्रेट से जांच के आदेश दिए गए हैं।

दिल्‍ली की मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित ने सारा दोष एमसीडी और बिल्‍डर पर मढ़ते हुए कहा कि आखिर इस मकान को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) किस आधार पर दे दिया गया। यह तो एमसीडी की घोर लापरवाही का नमूना है। एमसीडी (म्‍यूनिसिपल कॉरपोरेशन ऑफ डेल्‍ही) दिल्‍ली की स्‍थानीय निकाय संस्था है और इस पर दीक्षित की विरोधी पार्टी भाजपा का कब्‍जा है। एमसीडी से कुछ कहते नहीं बन रहा। वह यही कह रही है कि जांच रिपोर्ट आने दीजिए।


बिल्डिंग का 'हिस्‍ट्रीशीटर' फरार
जो मकान ढहा, उसका मालिक बिल्‍डर अमृत सिंह फरार है। उसके खिलाफ लापरवाही की वजह से कई लोगों की मौत होने का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पर सूत्र बताते हैं कि उस पर पहले से कई गंभीर अपराधों के आरोप में मुकदमे हैं। उसे कुख्‍यात अपराधी बताया जाता है। वह पिछले कुछ सालों में कई बार‍ तिहाड़ जेल में भी रह चुका है। अब सवाल यह भी उठेगा कि एक 'हिस्‍ट्रीशीटर' को बिल्डिंग बनाने का लाइसेंस कैसे मिल गया।

उसने हर मंजिल पर आठ कमरे बनवाए हुए थे। इन सभी कमरों में किराएदार रहते थे, जो मजदूरी करते हैं। ज्यादातर लोग बिहार, पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। अमृत पाल सिंह के खिलाफ पहले से ही 6 मामले दर्ज हैं। इमारत के अंदर तीन उद्योग भी अवैध रूप से चल रहे थे। घटना के समय भी वहां कई मजदूर काम कर रहे थे।

अमृत ललिता पार्क में जो मकान ढहा, उससे करीब ही, आर ब्लॉक में दूसरे मकान में रहता है। बताया जाता है इस इलाके में उसके कई मकान हैं। वह परिवार सहित फरार बताया जा रहा है।

देर से पहुंची मदद

इस बीच मरने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है। इतने बड़े हादसे के बावजूद सरकारी मदद पहुंचने में घंटों लग गए। इलाके की गलियां संकरी होने के चलते जेसीबी मशीन को घटनास्थल तक पहुंचने में लगभग दो घंटे का समय लगा। शुरुआत में स्थानीय लोगों ने करीब तीन दर्जन लोगों को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया।

सोमवार रात करीब 8.15 बजे पुलिस को सूचना मिली कि ललिता पार्क में एन-85 नंबर का मकान ढह गया है। कुछ देर बाद पुलिस भी पहुंच गई और मामले की जानकारी दमकल विभाग व डिजास्टर मैनेजमेंट को दी गई। इसके बाद दमकल की तीन गाड़ियां व एंबुलेंस भी पहुंच र्गई। घायलों को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, लोक नायक अस्पताल व आसपास के अस्पतालों में ले जाया गया। दिल्ली सरकार ने मृतकों के परिजन को दो-दो लाख और घायलों को पचास पचास हजार रुपयों का मुआवजा दिया है।

दिल्ली में 1369 कॉलोनियां अवैध
दिल्ली में निर्माण से जुड़े कानूनों का बड़े पैमाने पर उल्‍लंघन होता है। 90 फीसदी से ज्‍यादा रिहाइशी निर्माण किसी न किसी नियम की अनदेखी कर किए जाते हैं। हालत यह है कि यहां अवैध रूप से सैकड़ों कॉलोनियां तक बस गई हैं। 1369 ऐसी कॉलोनियों को तो सरकार नियमित करने की कोशिश भी कर रही है।

सरकार से जनता करें सवाल : आखिर सरकार ने कदम क्यों नहीं उठाया?

इमारते के गिरने के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने अपने बयान में माना है कि यह इमारत अवैध थी और इस बात की सूचना उनकों थी। ऐसे में सवाल उठता है कि समय रहते दिल् ली सरकार ने कदम क्यों नहीं उठाए? यह एक ऐसा प्रश्न है जिसका उत्तर दिल्ली के लोग तो जरूर जानना चाहेंगे। दिल्‍ली में अवैध निर्माण की जानकारी मुख्यमंत्री से लेकर आला अधिकरी और नगर निगम तक को है। फिर भी अभी तक कोई ठोस कार्रवाई सरकार ने आखिर क्यों नहीं की?

क्यों लक्ष्मीनगर जैसे हादसें का इंतजार किया जाता है? जिंदगी को सवारने वाली इमारतों को इस तरह से मौत के मलबे में बदल जाने के लिए आखिर कौन है दोषी? आखिर कब तो हम कुछ लोगों की गल्तियों के चलते बहुमूल्यों जिंदगियों को मौत के मुंह में जाते देखते रहेगें? क्या हमारे देश में जिंदगी की इतना सस्ता समझ लिया गया है ? आखिर यह सब है क्या और क्यों सच को जान लेने के बाद भी हाथ पर हाथ धरे बैठ जाती है सरकार?

Thursday, November 11, 2010

मुशर्रफ का था सपना, नोटों पर फोटो छपे अपना

नोटों पर जिन्‍ना की जगह अपनी फोटो लगवाना चाहते थे मुशर्रफ
मियां मुशर्रफ राजनीति में आने को बेताब
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ पाकिस्तानी नोट पर राष्‍ट्रपिता मोहम्‍मद अली जिन्‍ना की जगह अपनी तस्वीर छपवाना चाहते थे। इसका खुलासा पूर्व प्रधानमंत्री मीर जफरुल्ला खान जमाली ने किया है।

समाचार चैनल 'जियो न्यूज' पर बुधवार रात एक कार्यक्रम में बातचीत के दौरान जमाली ने कहा कि मुशर्रफ पाकिस्तानी नोट पर मोहम्मद अली जिन्ना की जगह अपनी तस्वीर छपवाना चाहते थे।

जमाली ने कहा कि उनके इजाजत न देने के कारण नोट पर मुशर्रफ की तस्वीर नहीं छप पाई थी। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि मुशर्रफ को नोट पर तस्वीर छापने की सलाह किसने दी थी।

1999 में तख्‍ता पलट के जरिये राष्‍ट्रपति की कुर्सी पर काबिज हुए पूर्व सेनाध्‍यक्ष को 2008 में पद छोड़ना पड़ा और देश से बाहर जाना पड़ा था। वह फिलहाल लंदन में हैं लेकिन पाकिस्‍तान में अगले आम चुनाव से पहले वतन वापसी की उम्‍मीद लगाए हैं।

जमाली ने यह भी कहा कि 2004 में मुशर्रफ ने विवादित परमाणु वैज्ञानिक ए क्‍यू खान को अमेरिका के हवाले करने की तैयारी कर ली थी। उन्‍होंने कहा, ' खान को ले जाने के लिए अमेरिका से एक विमान भी इस्‍लामाबाद आ गया था लेकिन मेरी दखल के बाद ऐसा नहीं हो सका।'