Thursday, January 6, 2011

खुशप्रीत को चाहिए इंसाफः न आंसू थमे, न आक्रोश

चंडीगढ़. खुशप्रीत की मौत पर न आंसू थमे हैं, न आक्रोश। वीरवार को बुड़ैल से लेकर सेक्टर 16 के अस्पताल तक पुलिस के खिलाफ लोगों का गुस्सा दिखा। पुलिस ने भी अपनी सारी ताकत पब्लिक से निपटने में लगा दी है। हत्यारों की तलाश के मामले में उसके हाथ अब भी खाली हैं। इस बीच होम सेक्रेटरी राम निवास ने केस की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच का जिम्मा डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट एमएल शर्मा (पीसीएस) को दिया गया है। उन्हें दस दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।

बुड़ैल में स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। धारा 144 बेअसर रही और लोगों ने इकट्ठे होकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। लोगों ने ईंट, पत्थर बरसाए तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पब्लिक के गुस्से से बुड़ैल चौकी को बचाने के लिए पुलिस ने सड़क पर बैरिकेड लगाकर रास्ता बंद रखा। गुस्साए लोगों ने सेक्टर 33-45 की डिवाइडिंग रोड पर भी तोड़फोड़ की। लोगों ने पुलिस बीट बॉक्स, लाइटों, लेटर बॉक्स को तोड़ डाला।

नहीं खुली एक भी दुकान

स्थानीय दुकानदारों ने वीरवार को रोष स्वरूप बुड़ैल की सभी दुकानें बंद रखी। सेक्टर 46 मार्केट में भी दुकानदारों ने दोपहर दो बजे तक दुकानें बंद रखी। मार्केट की पार्किग में काले झंडे लगाकर पुलिस की निंदा की।

एसपी की गाड़ी पर मारी ईंट

एसपी ऑपरेशन आरएस घुम्मप वीरवार शाम खुद जिप्सी चलाकर बुड़ैल पहुंचे। उनके साथ एमएल शर्मा व कुछ मुलाजिम भी थे। जिप्सी को देखकर कुछ महिलाएं आगे खड़ी हो गईं। जिप्सी रुकी तो किसी ने ईंट दे मारी। इस पर एसपी ने लाठीचार्ज के आदेश दे दिए। लाठियां बरसते ही लोग भाग खड़े हुए, आसू गैस भी छोड़ी गई।

जवाब से भागती रहीं पुलिस

जीएमएसएच में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे। लेकिन सभी मीडिया का सामना करने से भागते रहे। एसपी ट्रैफिक एंड सिक्योरिटी एचएस दून ने बस इतना ही कहा, केस की जांच चल रही है।

सुनने पड़े तीखे कमेंट

जीएमएसएच-16 में पुलिस को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। बुड़ैल से आए लोगों व खुशी के परिजनों ने पुलिस को नाकामी के लिए कोसा। मीडिया की मौजूदगी में पुलिस चुपचाप सब सुनती रही। कुछ महिलाओं ने पुलिस को चूड़ियां पहनने को कहा।

पहले कार्रवाई, फिर पोस्टमॉर्टम

खुशप्रीत के शव का वीरवार को पोस्टमॉर्टम नहीं हो पाया। जीएमएसएच-16 में खुशप्रीत के परिजन और बुड़ैल के लोग दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। पिता लखबीर सिंह ने भी केस की जांच में लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए पोस्टमॉर्टम करवाने से इंकार कर दिया। सुबह से बुड़ैल के लोग और परिजन हॉस्पिटल पहुंचने लगे। तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए यहां भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई। 12 बजे तक हॉस्पिटल पुलिस छावनी में बदल चुका था।

पुलिस और परिजनों के बीच नोकझोंक भी होती रही। एसपी ट्रैफिक एंड सिक्योरिटी एचएस दून, डीएसपी क्राइम सतबीर सिंह, डीएसपी ऑपरेशन जगबीर सिंह समेत कई पुलिस अधिकारी हॉस्पिटल पहुंचे। एडीसी पीएस शेरगिल भी मौजूद रहे। करीब एक बजे खुशप्रीत के पिता लखबीर सिंह हॉस्पिटल आए। तभी परिजनों ने पोस्टमॉर्टम नहीं करवाने की बात उठाई। लखबीर पुलिस के साथ अंदर चले गए।

इसके बाद खुशप्रीत के चाचा सुखविंदर सिंह अंदर गए। इसके फौरन बाद लखबीर बाहर आ गए और केस सुलझाने में नाकाम रहे जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की मांग की। यह मांग पूरी होने न होने तक परिजनों ने पोस्टमार्टम न करवाने का फैसला लिया और हॉस्पिटल से वापस चले गए

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